हैदराबाद शहर के हृदय जैसे सुलतान बाजार (कोठी) में हैदराबाद-सिकंदराबाद दोनों शहरों के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नेताओं ने मिल कर तिलक पार्क की अमूल्य जमीन हैदराबाद नगर पालिका से प्राप्त की। वहाँ दि. 27 दिसंबर 1969 को सरहद गाँधी पू. खान अब्दुल गफार खान के कर कमलों से गाँधी DKDD DDD DDKD D DuD DDD DDDD S DDSBD DDD DDDD कापड़ियाने इस भवन के निर्माण के लिए कमर कस ली। स्व. श्री पि. एल. भंडारी, स्व. श्री रामकृष्णाजी धूत, स्व. श्री सत्यनारायणजी गुप्त, DSBD DDDD DDD DDS DSD DDD DD DDDD DDD नारायणजी अग्रवाल आदि बुजुर्गों को साथ लेकर घर-घर घूमे। धन एकत्रित किया। दोनों शहरों के बड़े-बड़े व्यापारियों तथा दाताओं ने दान दिया | उस धन से गाँधी ज्ञान मंदिर के विशाल हाल का निर्माण शुरू हुआ। श्रीबालाजी शिवनारायण एंड कंपनी के द्वारा बड़ी रकम दान के रूप में मिली। भवन का निर्माण पूरा हुआ। दि. 2 अक्तूबर 1974 को वेन्द्रीय गाँधी स्मारकं निधि के अध्यक्ष स्व. डॉ. श्रीमन्ननारायणजी ने इस भवन का उद्घाटन किया।
गाँधी ज्ञान मंदिर में कार्यक्रमों के निर्वाह के लिए एक सहयोगी संघ की स्थापना की गयी| इस समिति के अध्यक्ष श्री सत्यनारायण गुप्त और मानद सचिव श्री सुरेन्द्र लूणिया नियुक्त किये गये। गाँधी ज्ञान मंदिर में सभी कार्यक्रम एक मत से स्वीकृत होकर चलाये जाते हैं।
गाँधी ज्ञान मंदिर में गाँधीजी के चित्रों की प्रदर्शिनी, महात्मा गाँधीजी तथा विनोबा भावेजी से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है| गाँधी ज्ञान मंदिर में गाँधी पुस्तक केन्द्र की भी स्थापना की गयी। गाँधीजी के सिद्धांतों तथा आध्यात्मिक विषयों पर सभा-समारोहों का आयोजन किया जाता है। भाषण आयोजित होते हैं।
इस संस्था के नेतृत्व में नुमाइश मैदान, हैदराबाद में गाँधी दर्शन के नाम से दुमंजिला भवन का निर्माण किया गया। आरंभ में श्री टोकरसी लालजी कापडिया ने गाँधी दर्शन के कार्यक्रमों का निर्वहण किया। इसके बाद श्री बिरधी चन्दजी चौधरी और अब श्री सी.वी. चारी जिम्मेदारी लेकर वहाँ के कार्यक्रमों का निर्वहण कर रहे हैं।
इस गांधी ज्ञान मंदिर में शुरु में स्व.श्रीको दाटि नारायण रावजी
कस्तुरबा प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के साथ गाँधी ज्ञान मंदिर योग केन्द्र की भी स्थापना की गयी | हजारों स्त्री-पुरुष तथा छोटे बड़े इस योग केन्द्र के द्वारा स्वास्थ्य लाभ कर रहें हैं | पिछले 38 वर्ष से प्रत्येक दिन नियमित रूप से बिना छुट्टी के यह केन्द्र कार्यरत है | कई स्थानों पर उपकेन्द्रों की स्थापना भी की जाती है |
स्व. श्री टोकरसी लालजी कापड़ियाने इस योग केन्द्र की वृद्धि के लिए सहयोग दिया | आज गाँधी ज्ञान मंदिर योग केन्द्र के निम्न लिखित पदाधिकारी हैं
अध्यक्ष :
श्री कमलनारायण अग्रवाल
निर्देशक :
श्री प्रवीण कापडिया
गाँधीजी एवं सर्वोदय ग्रंथों के प्रकाशन के लिए 1952 में सर्वोदय विचार प्रचार ट्रस्ट स्थापित किया गया था | इस ट्रस्ट के नेतृत्व में नव जीवन ट्रस्ट, अहमदाबाद ने महात्मा गाँधीजी की आत्म कथा का प्रकाशन तेलुगु भाषा में किया |
स्व. श्री वेमूर राधाकृष्णा मूर्तिने गांधीजी की आत्म कथा का रूपांतर तेलुगु में किया। महात्मा गाँधीजी की आत्मकथा के तेलुगु अनुवाद को उत्तम मान कर तेलुगु विश्व विद्यालय, हैदराबाद ने रु. 5000 का नकद पुरस्कार देकर श्री राधाकृष्ण मूर्ति का सम्मान किया | प्रचार या विज्ञापन के बिना ही आज तक लाख से अधिक इस तेलुगु आत्म कथा की प्रतियाँ बिक गयी हैं।
गाँधी ज्ञान मंदिर पू. महात्मा गाँधी एवं पू. विनोबा भावे के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार तथा नैतिक मूल्यों के पुनरुद्धार तथा योगाभ्यास का साधना स्थल है- । सर्वोदय विचार-प्रचार ट्रस्ट के आदशों का उत्तम केन्द्र है। हर दिन 500 से अधिक साधक यहाँ योगाभ्यास कर स्वास्थ्य लाभ उठाते हैं। प्राचीन भारतीय संस्कृति, सत्य, अहिंसा तथा मानव प्रेम से संबंधित दिव्य संदेशों को आत्मसात करते हैं। गाँधी स्मारक भवन तथा सेवा संस्था के रूप में यह गांधी ज्ञान मंदिर मानव जगत की अमूल्य सेवा कर रहा है। सर्वोदय विचार प्रचार ट्रस्ट का वर्तमान कार्यनिर्वाहक मंडल : अध्यक्ष : श्री धीरजलाल टोकरशी कापडीया मैंनेजिंग ट्रस्टी : श्री कमल नारायण अग्रवाल ट्रस्टी : श्री सुरेन्द्र लूणिया, श्री पूरणमल अग्रवाल, श्री गुलजारी लाल केडिया, श्री विनय कुमार गुप्ता, तथा श्री कीर्तिकुमार कापडीया ।